कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
एक साथ है कच्चा पक्का सा
एक झूठ है आधा सच्चा सा
जज़्बात के मन पर पर्दा सा
बस एक बहाना अच्छा सा
जीवन का ऐसा साथी है
जो दूर होकर पास नहीं
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं
-anonymous
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