Thursday 24 April 2014

SHART BAS YEH HAI


उसने कहा घर जाकर जी भर के रो लेना

मैंने सुनी उसकी बात ,कहना है मुझे उस से

मंज़ूर है मुझे, बस शर्त यह है मेरे हमदम -

रोने के लिए मुझे अपने घर का पता चाहिए

खता करने को तैयार है हम

करने लायक जो हो वोह खता चाहिए

दिल तो क्या जान भी करेंगे उनके नाम

बस दीवानगी भरा सनम का इशारा चाहिए

तैरने को तूफ़ान में भी तैयार हैं हम

जहां ख्वाबों की ताबीर मिले वोह कनारा चाहिए

गुस्ताखियाँ जो अनजाने में हो गयीं

उनको ठीक करने का मौका दुबारा चाहिए

प्यार जूनून की हद्द से आगे करेंगे

सनम जो अब हो हमारा चाहिए

आंसू अब पलकों तलक  चले हैं सनम

घर तो मिला, रोने के लिए हाथ  तुम्हारा चाहिए

1 comment:

  1. In aankho mein kabhi aansu hi naa aaye
    Jo bhi takleef ho wo kahin gum ho jaye
    Dua karte hain
    Bhar de upar wala , khushiyo se Tumhara ye jahan
    Ki har ek aansu ek muskaan mein badal jaye
    Khushiya is kadar daman mein aa jaye ki yaad hi naa rahe ki koi gam bhi tha
    Aasmaan mein jab bhi dekho tum
    To sara jahan tumhe tumhara hi najar aaye

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