रूह में फासले
नहीं होते
काश हम तुम मिले
नहीं होते
एक साया न साथ जो
देता
दो कदम भी चले
नहीं होते
काश हम तुम मिले
नहीं होते
ज़ोर ओ ज़ब्र से न
हासिल कर
दिल तो शाही किले
नहीं होते
काश हम तुम मिले
नहीं होते
यूँ अचानक मिले
कहीं हम तुम
रोज़ तो ज़लज़ले
नहीं होते
काश हम तुम मिले
नहीं होते
रूह में फासले
नहीं होते
lyricist:mahendra madhukar
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